माननीय श्री बृजमोहन अग्रवाल का संक्षिप्त परिचय
श्री बृजमोहन अग्रवाल जी का जन्म रायपुर के प्रतिष्ठित व्यवसायी, रामसागर पारा निवासी श्री रामजीलाल के घर 01 मई 1959 को हुआ। सामाजिक एवं राजनैतिक कार्यों में अग्रणी अपने परिवार का प्रभाव श्री बृजमोहन अग्रवाल पर बचपन से ही पड़ा। जनसेवा की भावना सदैव से ही उनके मन में रही है, यही उनकी एक बड़ी पहचान भी है। श्री बृजमोहन अग्रवाल का बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ाव रहा। छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहकर छात्रहित में संघर्शरत रहें। वे रायपुर के दूर्गा महाविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष रविशंकर विश्वविद्यालय छात्रसंघ के प्रतिनिधि, वि. वि. छात्रसंघ के सलाहकार व कल्याण महाविद्यालय भिलाई के अध्यक्ष रहें।
छात्र नेताओं में अग्रणी रहने वाले श्री अग्रवाल ने श्री अटल बिहारी बाजपेयी के सिद्धांतों से प्रभावित होकर सन् 1978 में स्वर्गीया श्रीमती राजमाता विजयाराजे सिंधिया से भाजपा की सक्रिय सदस्यता ग्रहण की और सक्रिय राजनीति में कूद पडे । इनकी सक्रियता एवं कार्यशैली को देखते हुए मध्यप्रदेश भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा ने इन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया। आप भा.ज.यु.मो. के प्रदेश महामंत्री व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहें।इस दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह जिनका खौफ होता था। उनकी नीतियों का विरोध करते हुए रायपुर में उन्हें काला झंडा दिखाया। जिसके बाद पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए और जेल जाना पड़ा। पश्चात छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के खिलाफ युवाओं का आन्दोलन खड़ा किया, सरगुजा से लेकर बस्तर तकदौरा कर लोगो को पार्टी संगठन से जोड़ने का प्रयास किया। इस दौरान पूज्य अटल जी, पूज्य राजमाता विजयाराजे सिंधिया, पूज्य कुशाभाऊ ठाकरे, पूज्य सुन्दरलाल पटवा एवं संगठन महामंत्रीपूज्य गोविन्द सारंग जी का मार्गदर्शन एवं संरक्षण लगातार मिलता रहा।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संगठित कर जन समस्याओं से जुड़े आंदोलनों के सफल नेतृत्व करने वाले श्री अग्रवाल को वर्ष 1990 में रायपुर नगर क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया। अपनी क्षमता के अनुरूप सफलता प्राप्त कर के विधायक चुन लिये गये। उत्कृष्ठ कार्य क्षमता के चलते मध्यप्रदेश के तात्कालीन मुख्यमंत्री श्री सुंदर लाल जी पटवा ने अपने मंत्री मंडल में उन्हें शामिल कर स्थानीय शासन एवं नगरीय कल्याण राज्य मंत्री बनाया तत्पश्चात् श्री अग्रवाल को विज्ञान, टेक्नोलॉजी एवं पर्यटन विभागों का राज्य मंत्री बनाकर स्वतंत्र प्रभार सौंपा।
श्री बृजमोहन अग्रवाल को पुनः 1993 एवं 1998 में भा.ज.पा. ने अपना प्रत्याशी बनाया और विजय के अंतर में इजाफा कर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी को परास्त किया। श्री अग्रवाल अविभाजित म.प्र. में भा.ज.पा. विधायक दल के मुख्य सचेतक रहे है। मध्यप्रदेश विधानसभा ने भी श्री अग्रवाल के कार्यक्षमता, संसदीय ज्ञान, व्यवहार, जन समस्याओं को लेकर सदन में सक्रियता के कारण उन्हें 1997 में उत्कृष्ट विधायक घोषित किया ।
अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार के दौरान छत्तीसगढ़ के हीरा खदानों को विदेशी कंपनी डिबियर्स को देने का का पुरजोर विरोध किया और कंपनी के अफसरों को रायपुर एयरपोर्ट से ही वापस लौटना पड़ा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा में लोक लेखा समिति, कार्यमंत्रणा समिति व विशेषाधिकार समिति के सदस्य रहे हैं। खेल गतिविधियों व युवाओं के समस्याओं के प्रति जागरूकता के चलते आपको केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा अफ्रो एशियन खेल आयोजन समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। आप नेहरू युवा केन्द्र के छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष रहे है।
वर्ष 2003 में श्री अग्रवाल को चौथी बार भारतीय जनता पार्टी ने रायपुर नगर से अपनी प्रत्याशी बनाया तथा वे पार्टी की आशानुरूप भारी मतों से विजयी हुये। इनकी प्रशासनिक क्षमता को देखते हुए 12 दिसम्बर 2003 को डॉ. रमन मंत्रिमंडल में मंत्री गृह, जेल, श्रम, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व बनाये गये। तत्पश्चात् इन्हें महत्वपूर्ण विभाग राजस्व एवं पुनर्वास, विधि एवं विधायी, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री बनाये गये है। वर्ष 2006 में अतिरिक्त प्रभार वन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री बनाये गये है।
वर्ष 2008 में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में पुनः पांचवी बार रायपुर दक्षिण क्षेत्र की जनता ने उन्हें भारी मतों से विजय दिलाई। डॉ. रमन मंत्री मंडल में (22 दिसम्बर 2008 को) लोक निर्माण, स्कूल शिक्षा, संसदीय कार्य, पर्यटन, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व के मंत्री बनाये गये हैं।
वर्ष 2013 में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में पुनः छठवी बार रायपुर दक्षिण क्षेत्र की जनता ने उन्हें भारी मतों से विजय दिलाई। वर्तमान डॉ. रमन मंत्री मंडल में (18 दिसम्बर 2013 को) कृषि, पशुपालन, मछलीपालन, जल संसाधन, आयाकट, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व के मंत्री बनाये गये है। श्री अग्रवाल के बारे में ऐसी मान्यता है कि जिस भी विभाग की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जाती है, उस विभाग को नई ऊचाईयाँ मिलती है और उसका कायाकल्प हो जाता है। श्री अग्रवाल को कृषि विभाग का नेतृत्व मिलते ही वर्ष 2014, 2015 एवं 2016 में निरंतर तीन वर्षों तक छत्तीसगढ़ को कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ। इस वर्ष ही व्यक्तिगत तौर पर एग्रीकल्चर लीडरशीप अवार्ड से नवाजा गया। यह उपलब्धियाँ इनके सफल नेतृत्व का ही परिणाम है।
श्री बृजमोहन अग्रवाल की कार्यशैली, विषयों में पकड़ एवं 33 वर्षों के लम्बे संसदीय कार्यानुभव को देखते हुए केन्द्र सरकार ने उन्हें देश की महात्वाकांक्षी योजना "प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना" के सलाहकार समिति का चेयरमेन बनाया गया है।श्री अग्रवाल को छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के कोर ग्रुप सदस्य के रूप में अहम जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सत्ता और संगठन के बीच बेहतर तालमेल बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रवादी विचारों के मुताबिक जनहित के कार्यों को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका अहम है।
जीवन परिचय
सदस्य का नाम | श्री बृजमोहनअग्रवाल |
पार्टी का नाम | भारतीय जनता पार्टी ( भा.ज.पा.) |
निर्वाचन क्षेत्र एवं कमांक | रायपुर दक्षिण (51)(छत्तीसगढ़ राज्य) |
पिता का नाम | श्री रामजी लाल अग्रवाल |
जन्मतिथि | 01 मई, 1959 |
विवाहित / अविवाहित | विवाहित |
पत्नी का नाम | श्रीमती सरिता देवी अग्रवाल |
संतान | 02. पुत्र. 01 पुत्री |
शैक्षणिक योग्यता | एम. काम. एम. ए. एल. एल. बी. |
स्थायी पता एवं दूरभाष | रामसागर पारा, रायपुर (छत्तीसगढ़) |
मोबाइल | 98271-27200, 94252-02700 |
अभिरूचि | साहित्य, शिक्षा, पठन, परिचर्चा |
पुरस्कार | 1997 में अविभाजित म.प्र. विधानसभा |
द्वाराकुंजीलाल दुबे स्मृति"उत्कृष्ठ विधायक" पुरस्कार सेसम्मानित
कुछ विभागीय उपलब्धियाँ
- धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री रहते हुए श्री राम वन गमन मार्ग के विकास हेतु रूपरेखा तैयार।
- खेल मंत्री रहने के दौरान राज्य के खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं एवं खेल के स्तर अनुसार नगद राशि पुरस्कार प्रदान करने की परम्परा शुरू की गई। परिणामतः खेल क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी आज बेहतर प्रदर्शन कर राज्य का नाम रोशन कर रहे है।
- कार्यकाल में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण।
- पर्यटन के क्षेत्र में राज्य के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों का विकास एवं विभिन्न मोटलों का निर्माण।
- राज्य के विभिन्न पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों में होने वाले बड़े-बड़े मेलो को दिया महोत्सव का स्वरूप।
- राज्य के त्रिवेणी संगम राजिम में विशाल कुम्भ मेले की शुरूआत।
- राजधानी रायपुर के इतिहास में नया अध्याय जोड़ते हुए शहर के बीचो-बीच केनाल पर सड़कका निर्माण।
- पिछले 33 वर्षों से प्रदेश की राजधानी रायपुर के सर्वागीण विकास में सबसे अहम भूमिका।
- इनके कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परंपरा, पुरातत्व को संजोने के लिए लगभग 200 एकड़ में पुरखौती मुक्तांगन का निर्माण हुआ। पर्यावरण को अभिव्यक्त करने वाले इस संग्रहालय की संरचना को देखकर पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम जी भी अभिभूत हुए थे।
- 65,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाला भारत में दूसरा और विश्व का चौथा सबसे बड़ाखुबसूरत क्रिकेट स्टेडियम का रायपुर में निर्माण हुआ।
- रायपुर के महादेव घाट को राष्ट्रीय स्तर के पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करते हुए भव्य लक्ष्मण झूले के साथ एक खुबसूरत उद्यान का निर्माण किया गया।
- 4,000 लोगों की क्षमता वाले बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया गया।
- प्रदेश के लाखों किसानों को लाभान्वित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कृषि मेला काआयोजन किया गया।
- प्रदेश में आयोजित होने वाले 32 स्थानीय आयोजनों को राष्ट्रीय मेले का स्वरूप प्रदान कियागया।
प्रदेश की राजनीति में योगदान
1. छत्तीसगढ़ राज्य गठन की प्रक्रिया में विधानसभा में हुई बहस में छत्तीसगढ़ राज्य कीपुरजोर व तर्कपूर्ण वकालत।
2. विधानसभा में जनसमस्याओं तथा समाज व प्रदेश की विचारणीय गंभीर मुद्दो परबहस।
3. युवा पीढ़ी में सार्थक व रचनात्मक राजनीति के प्रति रूझान पैदा करते हुए उनकीअध्ययनशीलता को प्रोत्साहन।
4. विभिन्न सामाजिक संगठनों में सक्रिय भागीदारी करते हुए राजनीतिक चेतना काविकास।